बेतिया GMCH का इतिहास
हम आ गए हैं महारानी जानकी कुंवर अस्पताल (MJK Hospital Bettiah) की सर जमीन पर इस संदर्भ में मैंने काफी पड़ताल की जो कुछ भी जानकारियां हमें मिली हैं, मैं आप तक पहुंचा रहा हूं सीढ़ियों से चढ़कर बरामदे में उत्तर पश्चिम कोने पर दीवार में एक स्टोन स्लैब है अंग्रेजी में लिखा है,
बेतिया राज,
किंग एडवर्डVII मेमोरियल हॉस्पिटल, रिकंस्ट्रक्टेड आफ्टर द ग्रेट अर्थक्वेक ऑफ 15 जनवरी 1934, दिस फाउंडेशन स्टोन वॉज लेड बाय इरनी हिलदा ऐलमेस, वाइफ ऑफ जे पी एलमेस इएसकयु आई सी एस मैनेजर बेतिया ईसटेट ऑन 29 मार्च 1936.
अर्थात 29 मार्च 1936 को जे पी एल मेस राज मैनेजर द्वारा उस बड़े अर्थ क्वेक (Earth Quak) में अस्पताल की इमारत नष्ट हो जाने के बाद किंग एडवर्ड VII के नाम से अस्पताल निर्मित किया गया, हम इसके पीछे इतिहास तलाश करते हैं तो यह बात सामने आती है कि यह अस्पताल बेतिया राज की जमीन पर स्थापित है जिसे महारानी जानकी कुंवर अस्पताल(MJK Hospital Bettiah) के नाम से जानते हैं.
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इस अस्पताल के लिए महारानी जानकी कुंवर ने कुछ पैसे भी जमा कराए थे, अस्पताल के पूर्वी भाग में एडवर्ड VII की मूर्ति भी स्थापित है जिसे जो 3 साल पूर्व कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया.
बेतिया अस्पताल की स्थापना बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र किशोर ने अक्टूबर 1892 ईस्वी में ₹40897 की लागत से कराई थी, उस समय इसका नाम लेडी डफरिन हॉस्पिटल था जहां तक हमें जानकारी मिल पाई है इसमें पहली मर्तबा डॉक्टर के रूप में लेडी मिस जेनी मार्श RCPL, RCS (EidenBerg) LRPG (ग्लास्गो) की नियुक्ति हुई डॉक्टर मार्श बेतिया में नवंबर 1893 मे आई तब तक महाराजा (26-03-1893) स्वर्गवासी हो गए थे,
लेडी मिस जेनी मार्श को उस समय ₹250 मासिक वेतन के साथ ₹75 मासिक भत्ता मिलता था बाद में इस अस्पताल में प्रसिद्ध महिला डॉक्टर मिस ई बी हॉलवे नियुक्त हुई जो भारत में विख्यात सर्जन थी उन्हीं के नाम पर हालवे वार्ड भी इस अस्पताल में आज भी मौजूद है.
MJK Hospital Bettiah, में अधीक्षकों की सूची 1 फरवरी 1961 से 9 अप्रैल 2018 तक उपस्थित है जिसमें कुल 54 लोगों के नाम और अवधि लिखे हुए हैं क्रमांक 2 पर डॉक्टर मिस टी.के. सुंदरम जिनका कार्यकाल 30 अप्रैल 1965 से 26 नवंबर 1967 है इनके अवधि को मैंने स्वयं देखा है इनके जमाने में यह एम जे के हॉस्पिटल का मैनेजमेंट किसी AIIMS के जैसे था इनके कार्यकाल को आज भी लोग याद करके इनकी गुणगान अवश्य करते हैं.
1935 में तत्कालीन राज मैनेजर एपीएमएल साहब ने इस अस्पताल का विस्तार कराया था, शायद कुछ समय बाद इसका नाम एडवर्ड VII पर भी रखा गया जो शीला पट में यहां आप देख रहे हैं इन्हीं की एक प्रतिमा पूर्वी गेट के सामने पार्क में स्थापित है इनके बाद इसका नाम बदलकर महारानी जानकी कुंवर अस्पताल(MJK Hospital Bettiah) हो गया.
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सन 2007 में इसे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया के रूप में करके आज आपके सामने इतनी बड़ी इमारत है उस समय से ही इस कॉलेज में मेडिकल के पढ़ाई की बाजाबता शुरुआत करने के लिए तैयारी पूरी जोरों शोर से जारी है सन 2013 में 100 छात्रों पर आधारित मेडिकल के पहले बैच की शुरुआत हुई इस कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई आज भी जारी है प्रतिवर्ष 100 विद्यार्थी डॉक्टर बनकर यहां से निकलते हैं अभी पूरे बिहार में इस मेडिकल कॉलेज का पांचवा स्थान है.
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