राम लखन सिंह यादव कॉलेज का इतिहास
आज यह कॉलेज करीब 30 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. सितंबर 1980 की बात है कि तरुण मुखर्जी चौक के सिंह भवन से सभी छात्र एवं शिक्षक गण बेतिया राज के इस जमीन पर पहुंचे थे, छात्र एवं शिक्षक जमीन को एकवायर करने के लिए खंबे गाढ रहे थे कि जिला प्रशासन पुलिस बल के साथ इन्हें खदेड़ने आ पहुंची, इस पूरी टीम के अगुआ कॉलेज के प्राचार्य श्री वकील प्रसाद यादव स्वयं थे, छात्रों के आगे स्वयं खड़े हो गए और प्रशासन से बातचीत शुरू की वकील प्रसाद यादव वास्तव में एक निडर और अपने छात्रों के प्रति पूर्ण रूप समर्पित थे. इसी प्रकार यह जमीन उस समय 55 एकड़ के लगभग बेतिया राज की जमीन की घेरा बंदी की गई प्रशासन ने कई बार शिक्षक एवं छात्रों से नोकझोंक की जमीन से कॉलेज को उखाड़ फेंकने की कोशिश प्रशासन पुलिस बल के साथ करती रही परंतु छात्र के आगे सबको झुकना पड़ा क्योंकि वास्तविकता यह थी किस शहर में एक कॉलेज मात्र था यहां सभी छात्रों का नामांकन संभव था धीरे धीरे प्रशासन से बातचीत होती रही छात्रों की समस्याओं से जिला अधिकारी शकील अहमद खान बड़ी सहानुभूति एवं विनम्रता से अवगत हुए देश के भविष्य छात्रों के लिए स्वयं प्रयास किए स्थानीय रूप से उस समय के जिलाधिकारी का बहुत बड़ा योगदान रहा परंतु उस समय के राजस्व मंत्री राम लखन सिंह यादव की भूमिका काफी महत्वपूर्ण एवं सबसे अहम है अंततः कॉलेज आज बड़ी आन बान शान से आप सबके सामने हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य सुनहरा बना रहा है.
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इस सन्दर्भ में 1980 का इतिहास हमें कॉलेज के पुराने स्टाफ नन्द किशोर महतो ने पूरी जानकारी इस वीडियो के द्वारा हमें दी .......
Good
जवाब देंहटाएंKeep sharing us these kind of history of our Bettiah's heritage
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